"दैनिक जीवन में योग" वैज्ञानिक गुरु पद्धतिश्री महामण्डलेश्वर परमहंस स्वामी महेश्वरानन्दद्वारा सृजित की गई है। शास्त्रीय योगकी अधिकारिक परम्परा के प्रति पूर्णरूपेण सत्यपरक होने के साथ ही इसे आधुनिक समय की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निर्मित किया गया है। यह स्वास्थ्य की एकात्मक पद्धति है जिसमें शारीरिक, मानसिक चेतना एवं आत्मा का विज्ञान निहित है। दैनिक जीवन में योग का अर्थ है ''व्यक्ति के दैनिक जीवन में योगाभ्यास।" इसका तात्पर्य है कि अपने समाज के पर्यावरण तथा समस्त जीवों के प्रति सकारात्मक योगदान करते हुए दैनिक जीवन में योग की अवधारणाओं की शिक्षाओं को दैनिक जीवन में धारण करना। दैनिक जीवन पद्धति में योग व्यक्ति को उसके सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्त्वों का निर्वाह करते हुए स्वमुक्ति के प्रयास में पूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करती है। इस पद्धति की रचना अभ्यासकर्ता की आयु एवं शारीरिक दशा के उपरान्त भी क्रमिक एवं निरन्तर विकास के योग्य बनाती है। दैनिक जीवन में योग के निरन्तर एवं समर्पित अभ्यास से निम्र लाभ अर्जित होते हैं: उन्नत स्वास्थ्य एवं क्षमता, शारीरिक एवं मानसिक एकता, एकाग्रता में अभिवृद्घि, आत्मविश्वास, मानसिक शांति, नशे की आदतों से मुक्ति तथा अन्त में आत्म साक्षात्कार ।

योग की सभी विधियाँ विशिष्ट स्वास्थ्य की स्थिति के लिए स्पष्ट निर्देशित, हर कदम पर, विशेष निर्देश के साथ समझाई गई है। उनमें से हैं:

विश्राम

व्यायाम का पूरा लाभ प्राप्त करने के लिए, सीखने की आवश्यकता है कि विश्राम सही ढंग से कैसे किया जाए ।

आसन

योग-व्यायाम का पहला स्तम्भआसन है। सामान्य भाषा में कहा जाए तो ''आसन" तनाव-रहित और अधिक समय तक सुविधा की विशेष शारीरिक अवस्था का द्योतक है।

प्राणायाम

योग-व्यायाम का दूसरा स्तम्भ प्राणायामहै जो श्वास का सचेतन और जान-बूझकर किया गया नियंत्रण और विनियमन है।

ध्यान

आत्म-मनन ध्यान की तकनीक हमें आत्म नियंत्रण और आत्म विकास के माध्यम से आत्म-ज्ञान प्राप्त करने में सहायता करती है।

इसके अलावा विस्तार में प्रस्तुत हैं बंध, हठ योग क्रिया और मुख्यचक्र की संरचना प्रस्तुत है।

इस पद्धति की रचना अभ्यासकर्ता की आयु एवं शारीरिक दशा के उपरान्त भी क्रमिक एवं निरन्तर विकास के योग्य बनाती है। योग के दार्शनिक और वैज्ञानिक पृष्ठभूमि पर दी गई जानकारी का एक बड़ा सौदा भी है।दैनिक जीवन में योग का अर्थ है ''व्यक्ति के दैनिक जीवन में योगाभ्यास।" इसका तात्पर्य है कि अपने समाज के पर्यावरण तथा समस्त जीवों के प्रति सकारात्मक योगदान करते हुए दैनिक जीवन में योग की अवधारणाओं की शिक्षाओं को दैनिक जीवन में धारण करना। दैनिक जीवन पद्धति में योग व्यक्ति को उसके सामाजिक एवं पारिवारिक दायित्त्वों का निर्वाह करते हुए स्वमुक्ति के प्रयास में पूर्ण मार्गदर्शन प्रदान करती है।

संप्रति, यह पद्धति यूरोप, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, अमेरीका तथा भारत में स्थापित हो चुकी है, जहां यह ४००० से अधिक योग केन्द्रों, शिक्षा केन्द्रों तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में सिखायी जाती है।

अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, चेक और हंगेरी की भाषाओं में यह इलेक्ट्रॉनिक संस्करण उपलब्ध है।

पद्धति की मुद्रित संस्करण निम्नलिखित भाषाओं में उपलब्ध है : English (ISBN 3-85052-000-5), Spanish (ISBN 3-85052-007-2), German (ISBN 3-85052-009-9), French (ISBN 3-85052-010-2), Hungarian (ISBN 3-85052-001-3), Slovak (ISBN 3-85052-002-1), Czech (ISBN 80-204-1277-8), Croatian (ISBN 3-85052-004-8), Serbian (ISBN 3-85052-005-6), Slovenian (ISBN 3-85052-006-4), and Hindi.